Chemical Reactions and Equations Class 10 Notes in Hindi – कक्षा-10 रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण नोट्स

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इस आर्टिकल में, कक्षा 10 रसायनिक अभिक्रिया एवं समीकरण नामक अध्याय का संपूर्ण अध्ययन करेंगे और महत्वपूर्ण प्रश्नों के बारे में भी जानेंगे। यह अध्याय बोर्ड परीक्षा की दृष्टि से बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। इस अदा से बोर्ड परीक्षा में प्रश्न हमेशा पूछे जाते हैं।

 

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कक्षा-10 रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण नोट्स

 

कक्षा -10 रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण नोट्स हिंदी में डाउनलोड करें

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का, एक नई पोस्ट में, इस पोस्ट में हम लोग कक्षा-10वी के अध्याय-1 जिसका नाम रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण है, को देखने वाले हैं। इस पोस्ट में हम लोग इस अध्याय के सभी महत्वपूर्ण Topics तथा परीक्षा उपयोगी प्रश्नों को भी रखा। जो कि आप नीचे देख सकते हैं-

Class-10 Science Notes in Hindi 

प्रत्येक पदार्थ में निरंतर कुछ ना कुछ परिवर्तन होता रहता है। यह परिवर्तन स्थाई और अस्थाई उत्क्रमणीय, अनुत्क्रमणीय हो सकता है।

उदाहरण : बर्फ पिघलने पर जल बन जाता है। या ठोस अवस्था से द्रव स्थान परिवर्तित हो जाता है। इसकी आकृति और घनत्व बदल जाता है। घनत्व के बदलने से इसका आयतन बदल जाता है। जल को ठंडा करके उसको पुनः बर्फ में परिवर्तित किया जा सकता है।

किसी भी पदार्थ में दो प्रकार के परिवर्तन होते हैं-

  1. भौतिक परिवर्तन
  2. रसायनिक परिवर्तन

1.भौतिक परिवर्तन (Physical Changes ) :

पदार्थ में होने वाले वे परिवर्तन जिनमें पदार्थ की भौतिक अवस्था आकार, (विद्युत्-चालकता, घनत्व आदि) तो परिवर्तित होते हैं, लेकिन रासायनिक संघटन एवं द्रव्यमान में कोई परिवर्तन नहीं होता है और न ही कोई नया पदार्थ बनता है भौतिक परिवर्तन कहलाते हैं। 

जैसे—जल का बर्फ में परिवर्तन या वाष्प में परिवर्तन, गलन (melting), वाष्पन (vaporisation), क्वथन (boiling), हिमीकरण (freezing), ऊर्ध्वपातन (sublimation), तथा संघनन ( condensation) आदि क्रियाएँ भौतिक परिवर्तन हैं। 

विशेषः भौतिक परिवर्तन अस्थायी (temporary) परिवर्तन है तथा इसे आसानी से पुन: (reverse) प्राप्त किया जा सकता है।

2. रासायनिक परिवर्तन (Chemical Changes ) :

जब कोई रासायनिक परिवर्तन होता है तो हम कह सकते हैं कि एक रासायनिक अभिक्रिया हुई है। अतः पदार्थ में होने वाले वे परिवर्तन जिनमें पदार्थ के अणुओं का रासायनिक संघटन (Chemical composition) व द्रव्यमान परिवर्तित होकर एक या एक-से-अधिक नए पदार्थ बनाते हैं रासायनिक परिवर्तन कहलाते हैं।

जैसे- दहन (combustion), जंग लगना (rusting), प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ (substitution reactions ), अपघटन अभिक्रियाएँ (decomposition reactions) आदि।

रासायनिक परिवर्तन के गुण- 

  1. रासायनिक परिवर्तन स्थायी (permanent) परिवर्तन हैं। 
  2. रासायनिक परिवर्तन के फलस्वरूप पदार्थों के रासायनिक गुण परिवर्तित हो जाते हैं तथा नये बने पदार्थ के गुण, मूल पदार्थ से भिन्न होते हैं।
  3. रासायनिक परिवर्तन में : 
  • गैस निकल सकती है,
  • अवक्षेप बन सकते हैं।
  • रंग परिवर्तन हो सकता है,
  • भौतिक अवस्था बदल सकती है,
  • तापमान बदल सकता है।
  1. रासायनिक अभिक्रिया होने पर अभिकारक के रासायनिक बन्ध टूटते हैं तथा उत्पाद में नये रासायनिक बन्ध बनते हैं।
  2. रसायनिक परिवर्तन में नया परमाणु नहीं बनता है। एक तत्व दूसरे तत्व में परिवर्तित नहीं होता है। रसायनिक अभिक्रिया में परमाणु केवल पुनर्व्यवस्थित होते हैं।

 

सायनिक अभिक्रियाएं (Chemical Reactions)

जब एक या एक से अधिक पदार्थों के परमाणु पुर्नव्यवस्थित (rearrangement) होकर एक या एक से अधिक नए पदार्थों का निर्माण करते हैं तो इस परिघटना को रासायनिक अभिक्रिया (chemical reaction) कहते हैं।

उदाहरणार्थ – कार्बन (C) ऑक्सीजन (O2) के साथ क्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बनाता है, जिसके गुण C और 02 से भिन्न होते हैं।

कार्बन + ऑक्सीजन → कार्बन डाइऑक्साइड

 

रासायनिक समीकरण (CHEMICAL EQUATION )

किसी रासायनिक अभिक्रिया को, उसमें भाग लेने वाले तत्वों तथा बनने वाले पदार्थों (यौगिकों) को सूत्र / संकेतों द्वारा प्रदर्शित करने की विधि को रासायनिक समीकरण कहते हैं। उदाहरणार्थ — मैग्नीशियम (Mg) जब हाइड्रोक्लोरिक (HCI) अम्ल से क्रिया करता है तो मैग्नीशियम क्लोराइड (MgCI2) बनता है तथा हाइड्रोजन गैस निकलती है। इस अभिक्रिया को निम्न समीकरण द्वारा प्रदर्शित करते हैं-

Mg + 2HCl → MgCl2  + H2 

रसायनिक समीकरण दो प्रकार की होती है-

  1. शब्द समीकरण
  2. प्रतीक तथा सूत्र समीकरण

1.शब्द समीकरण : इस प्रकार के समीकरण में अभिकारक तथा उत्पाद को शब्दों में लिखा जाता है।

जैसे – कार्बन + ऑक्सीजन → कार्बन डाइऑक्साइ

2.प्रतीक तथा सूत्र समीकरण : इस प्रकार के समीकरण में अभिकारक तथा उत्पाद को शब्द में ना लिखकर उनके प्रतीक के द्वारा व्यक्त करते हैं।

जैसे- C + O2 → CO2

Note: 

अभिकारक : जो पदार्थ रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेते हैं वे अभिकारक (reactants) कहलाते हैं।

जैसे- उपरोक्त अभिक्रिया में कार्बन और ऑक्सीजन अभिकारक है।

उत्पाद : रसायनिक अभिक्रिया के पश्चात जो नए पदार्थ बनते हैं उन्हें उत्पाद कहते हैं।

जैसे- उपरोक्त अभिक्रिया में कार्बन डाइऑक्साइड उत्पाद है।

कंकाली या ढांचा अथवा असंतुलित रसायनिक समीकरण (skeleton or unbalance chemical reaction)

जब किसी असंतुलित रासायनिक समीकरण को सूत्रों और संकेतों द्वारा लिखते हैं तो वह कंकाली या ढांचा अथवा और संतुलित रासायनिक समीकरण कहलाती है।

H₂  +  O₂      →     H₂O

इस समीकरण के दोनों तरफ परमाणु की संख्या बराबर नहीं है। अतः यह असंतुलित समीकरण है।

संतुलित रासायनिक समीकरण (Balanced Chemical Reaction)

वह रसायनिक समीकरण जिसके दोनों पक्षों (अभिकारक तथा उत्पाद) में प्रत्येक तत्व की परमाणुओ की संख्या बराबर होती है, संतुलित रासायनिक समीकरण कहलाती है।

2H₂  +  O₂      →     2H₂O

इस समीकरण के दोनों तरफ के परमाणु की संख्या बराबर है। अतः यह संतुलित रासायनिक समीकरण है।

रसायनिक समीकरण से लाभ (advantage of chemical equation)

chemical equation से निम्नलिखित लाभ है-

  1. रसायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थ व बनने वाले उत्पाद के ज्ञान होता है
  2. अविकारीको तथा उत्पादों के मोल संख्या ज्ञात होने पर उनके द्रव्यमान की जानकारी प्राप्त होती है।
  3. किसी रासायनिक अभिक्रिया में अभिकारको का कुल द्रव्यमान, उत्पादों की कुल द्रव्यमान के बराबर होते हैं।

रसायनिक अभिक्रिया के प्रकार (Types of Chemical Reaction)

Chemical Reactionविभिन्न प्रकार की होती हैं लेकिन उन अभिक्रियाओ में से कुछ अभिक्रियाएं है निम्नलिखित दी गई है। जो परीक्षा की दृष्टि से पर्याप्त हैं-

  • योगात्मक अभिक्रियाएं या संकलन अभिक्रियाएं या संयोजन अभिक्रियाएं 
  • विस्थापन या प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं
  • अनुत्क्रमणीय एवं उत्क्रमणीय अभिक्रियाएं
  • वियोजन अभिक्रिया 
  • अपघटन अभिक्रियाएं
  • उभय अपघटन अभिक्रियाएं अथवा द्विविस्थापन अभिक्रियाएं
  • ऊष्माक्षेपी तथा उष्माशोषी अभिक्रियाएं
  • ऑक्सीकरण एवं अपचयन अभिक्रियाएं 
  • मंद तथा तीव्र अभिक्रियाएं

 

संयोजन अभिक्रियाएं (Combination Reaction)

वीर सैनिक अभिक्रिया जिनमें दो या दो से अधिक पदार्थ (तत्व अथवा योगिक) परस्पर सहयोग कर केवल एक ही प्रकार के पदार्थ के अणु बनाते हैं, संयोजन अभिक्रियाएं कहलाती है।

उदाहरण: 

  • कार्बन एवं ऑक्सीजन की क्रिया द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड का बनना

             C    +    O₂     →    CO₂

  • लोहा एवं सल्फर की क्रिया द्वारा फेरस सल्फेट का बनना

            ‌ Fe   +    S      →    FeS

  • कार्बन मोनोऑक्साइड तथा ऑक्सीजन की क्रिया द्वारा कार्बन डाइऑक्साइड का बनना

            CO    +    O₂     →    CO₂

 

विस्थापन या प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं (Displacement or Substitution Reactions)

वे रसायनिक अभिक्रिया जिनमें किसी यौगिक के अणु के किसी एक परमाणु अथवा परमाणुओ के समूह को दूसरे यौगिक के परमाणु या परमाणुओ का समूह विस्थापित कर देता है और स्वयं उस स्थान पर आ जाता है, प्रतिस्थापन अभिक्रियाएं कहलाती है।

उदाहरण

  • लोहा (Fe), कॉपर सल्फेट(CuSO₄)  विलयन से कॉपर को भी प्रतिस्थापित करके फेरस सल्फेट (FeSO₄) तथा कापर (Cu) बनाता है।

         Fe +  CuSO₄ → FeSO₄  +  Cu 

  • मैग्नीशियम, क्यूप्रिक क्लोराइड (CuCl₂) विलयन से कॉपर को प्रतिस्थापित करके कॉपर तथा मैग्नीशियम क्लोराइड (MgCl₂) बनाता है।

       Mg   +   CuCl₂  → MgCl₂  + Cu 

अनुत्क्रमणीय एवं उत्क्रमणीय अभिक्रियाएं (Irreversible and Reversible Reactions)
  • अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएं : वे अभिक्रियाएं जो केवल एक ही दिशा में संपन्न होती है विपरीत दिशा में नहीं अनुत्क्रमणीय अभिक्रियाएं कहलाती है।

         2KClO₃   →  2KCl   +  3O₂

         NaCl  +  AgNO₃  →  AgCl  NaNO₃

  • उत्क्रमणीय अभिक्रियाएं: वे अभिक्रिया जो सामान परिस्थितियों में दोनों दिशा में चल सकती है उत्क्रमणीय अभिक्रिया कहलाती है।

       H₂   +  I₂  ⇌  2HI

       N₂  +   3H₂  ⇌  2NH₃

वियोजन अभिक्रियाएं (Dissociation Reactions)

वह उत्क्रमणीय अभिक्रियाएं,  वियोजन अभिक्रियाएं हैं जिनमें कोई यौगिक किसी विशेष परिस्थिति में दो या दो से अधिक सरल अणुओं में विभक्त हो जाता है और परिस्थिति हटते ही यह अणु पुनः संयुक्त होकर मूल यौगिक बना देते हैं।

  • वियोजन अभिक्रिया दो प्रकार की होती है।

उष्मीय वियोजन (Thermal Dissociation)

जब यौगिको को गर्म करने पर वह दो या दो से अधिक अणुओं में विभाजित हो जाते हैं तथा ठंडा करने पर आपस में संयोग करके मूल यौगिक में पुनः परिवर्तित हो जाते हैं, उष्मीय वियोजन अभिक्रिया कहलाती है।

  • फास्फोरस पेंटाक्लोराइड को गर्म करने पर यह फास्फोरस ट्राइक्लोराइड तथा क्लोरीन में टूट जाता है, पर ठंडा करने पर दोनों आपस में सहयोग करके फास्फोरस पेंटाक्लोराइड अणु बना देते हैं।

PCl₅  ⇌  PCl₃  +  Cl₂

विद्युत अपघटनी वियोजन (Electrolytic Dissociation)

जब विद्युत संयोजक यौगिक को जल में घोला जाता है तो वह धनायन तथा ऋणायन में जियोजित हो जाते हैं। यह अभिक्रिया विद्युत अपघटनी वियोजन या आयनिक वियोजन कहलाती है।

   NaCl   →    Na⁺  +  Cl⁻

अपघटन अभिक्रियाएं (Decomposition Reactions)

अपघटन अभिक्रिया में एक बड़ा यौगिको किसी बाह्य कारक जैसे- उष्मा या विद्युत की उपस्थिति में दो या दो से अधिक अवयवी घटकों में अपघटित हो जाता है तथा बाय कारणों का प्रभाव हटाने पर भी अपनी मूल अवस्था में प्राप्त नहीं होता है। अपघटन क्रिया अनुत्क्रमणीय अभिक्रिया होती है। भाई कारकों के आधार पर अपघटन क्रिया दो प्रकार की होती है।

  • उष्मीय अपघटन (Thermal Decomposition) : जब कोई पदार्थ उष्मा देने पर उसके प्रभाव में दो या दो से अधिक छोटे यौगिकों में अपघटित हो जाता है तो इस क्रिया को उष्मीय अपघटन कहते हैं।

2KClO₃  →  2KCl  + 3O₂ (गर्म करने पर)

  • विद्युत अपघटन (Electrolysis Decomposition) : किसी रसायनिक यौगिक के विलेयन या उसकी गलित अवस्था में विद्युत धारा प्रवाहित करने पर उसका अपघटन हो जाता है, तो इस क्रिया को विद्युत अपघटन कहते हैं।

 2NaCl   →   2Na   +   Cl₂

उभय या द्विविस्थापन अपघटन अभिक्रियाएं (Double Decomposition Reactions) 

वे रसायनिक अभिक्रियाएं जिनमें यौगिकों के आयनों अथवा घटकों में अदला-बदली हो जाती है तथा नए यौगिकों का निर्माण होता है, द्विविस्थापन अपघटन अभिक्रिया कहलाती है।

  • बेरियम क्लोराइड तथा सोडियम सल्फेट की क्रियाएं

BaCl₂  +  Na₂SO₄ →  BaSO₄ + 2NaCl

  • कॉपर सल्फेट तथा सोडियम हाइड्रोक्साइड की क्रिया

CuSO₄  +  2NaOH  →  Na₂SO₄ + Cu(OH)₂

ऊष्माक्षेपी तथा उष्माशोषी अभिक्रियाएं (Exothermic and Endothermic Reactions)
  • ऊष्माक्षेपी अभिक्रियाएं : वे रसायनिक अभिक्रियाएं जिसमे ऊष्मा उत्सर्जित होती है उष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाती है।

      2H₂ + O₂  →  2H₂O + 136.0 kCal

  • ऊष्माशोषी अभिक्रियाएं : वे रसायनिक अभिक्रियाएं जिसमें ऊष्मा अवशोषित होती है, उष्माशोषी अभिक्रियाएं कहलाती है।

      N₂  +  I₂   →  2HI  –  12.0 kCal

ऑक्सीकरण एवं अपचयन अभिक्रियाएं (Oxidation and Reduction Reactions)
  • ऑक्सीकरण अभिक्रियाएं : परमाणुओ, अणुओ या आयनों  द्वारा एक या अधिक इलेक्ट्रॉन त्यागने की प्रक्रिया, ऑक्सीकरण कहलाती है।

         Zn  →  Zn²⁺  +  2e⁻

         Na  →  Na⁺  +  e⁻

 Note : ऑक्सीकारक : वह पदार्थ जो अभिक्रिया में इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है, ऑक्सीकारक कहलाता है।

  • अपचयन अभिक्रिया : परमाणुओं,  अणुओ या आयनों द्वारा एक या अधिक इलेक्ट्रान ग्रहण करने की प्रक्रिया अपचयन कहलाती है।

        Cl  + e⁻  → Cl⁻

        O  +  2e⁻  →  O₂

Note : अपचायक : वह पदार्थ जो अभिक्रिया में इलेक्ट्रॉन का त्याग करता है अपचायक कहलाता है।

रेडॉक्स अभिक्रियाएं (Redox Reactions) 

वह अभिक्रिया जिसमें एक पदार्थ से इलेक्ट्रॉन निकलना तथा दूसरे पदार्थ द्वारा इलेक्ट्रॉन ग्रहण करना साथ-साथ होता है, रेडॉक्स अभिक्रिया कहलाती है।

Zn + H₂SO₄  →  ZnSO₄ + H₂

मंद तथा तीव्र अभिक्रियाएं (Slow and Fast Reactions)
  • मंद अभिक्रियाएं : वे अभिक्रियाएं जिन्हें पूर्ण होने में अधिक समय लगता है उन्हें मंद अभिक्रियाएं कहते हैं।
  • तीव्र अभिक्रियाएं : वे अभिक्रिया जिनको संपन्न होने में अत्यंत कम समय लगता है उन्हें तीव्र अभिक्रियाएं कहते हैं।

 

दैनिक जीवन में उपचयन अभिक्रिया के प्रभाव (Effect of Oxidations in Daily Life)

  •  संक्षारण (Corrosion) : जब कोई धातु अपने आसपास अम्ल, आर्द्रता आदि के संपर्क में आती है तब यह संक्षारित होती है और इस प्रक्रिया को संचरण कहते हैं।

उदाहरण : चांदी के ऊपर काली परत तथा तांबे के ऊपर हरी पर चढ़ना संसार के उदाहरण है 

  • विकृतगन्धिता (Rancidity) : सामान्यतः प्रत्येक खाद पदार्थ का एक विशिष्ट स्वाद तथा गंध होती हैं। इस विशेष स्वाद या गंध अथवा दोनों की खराब होने को विकृतगंधिता कहते हैं।

 

FAQs____________________

प्रश्न 1. संक्षारण से बचाव के उपाय क्या है?

उत्तर- संक्षारण से बचाव के निम्नलिखित उपाय हैं-

  • लोहे तथा धातु की वस्तुओं पर पेंट करने से उनकी सताओ वायु और नवमी के संपर्क में नहीं आ पाती और संक्षारण नहीं हो पाता।
  • लंबे समय तक संसार से बचाने के लिए टिन की परत चढ़ा कर या गैलरी करण किया जाता है।
प्रश्न 2. संक्षारण से हानियां क्या है?

उत्तर- संक्षारण से निम्नलिखित हानियां है-

  • धीरे-धीरे लाल भूरे रंग की परत छोड़ के रूप में लोहे की सतह से अलग होने लगती है
  • संक्षारण के कारण कार के ढांचे पुल लोहे की रेलिंग जहाज धातु से बनी विशेषत: लोहे से बनी वस्तुएं मकान के लेंटर में लगने वाला सरिया इत्यादि में बहुत क्षति होती है।
  • क्षति लोहे को बदलने में बहुत अधिक धन व्यय होता है।
प्रश्न 3. लोहे पर लगी जंग का रासायनिक सूत्र क्या है?

उत्तर- लोहे पर लगी जंग का रासायनिक सूत्र 2Fe₂O₃. x.H₂O होता है।

प्रश्न 4. विकृतगंधिता से बचाव के उपाय क्या है?

उत्तर- विकृतगंधिता से बचाव के उपाय निम्नलिखित हैं-

  • प्रया:  तैलीय तथा वसायुक्त खाद्य सामग्रियों को लंबे समय तक सुरक्षित रखने अर्थात विकृतगंधिता से बचाने के लिए, उनमें उपचयन रोकने के लिए प्रतिऑक्सीकारक पदार्थ मिलाए जाते हैं।
  • खाद्य पदार्थों को वायु रोधी पात्रों में रखने से उनके अंदर वायु प्रविष्ट न हो पाती, फलता ऑक्सीकरण नहीं हो पाता है और पदार्थ विकृतगंधी नहीं हो पाते।
  • फ्रिज में रखने से भी किसी सीमा तक विकृतगंधिता से बचाव हो जाता है।
  • चिप्स निर्माता कंपनी चिप्स की थैली में से ऑक्सीजन हटाकर उसमें नाइट्रोजन जैसे कम सक्रिय गैस भर देते हैं। इससे चिप्स का उपचयन नहीं हो पाता है।
प्रश्न 5. वायु में जलाने से पहले मैग्नीशियम रिबन को साफ क्यों किया जाता है?

उत्तर- मैग्नीशियम रिबन की ऊपरी सतह वायुमंडल की ऑक्सीजन से क्रिया करके मैग्निशियम ऑक्साइड में बदल जाती है जोकि जलता नहीं है। इसीलिए रिबन के जलने में रुकावट को दूर करने के लिए रिबन से ऑक्साइड की परत को रेगमाल से ही घीसकर साफ कर देते हैं।

 

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