Class-8 Geography Agricultural-Main Produces in Hindi – कक्षा- 8 भूगोल ‘कृषि मुख्य उपजे’ संक्षिप्त नोट्स

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Class-8 Geography Agricultural-Main Produces in Hindi – कक्षा- 8 भूगोल ‘कृषि मुख्य उपजे’ संक्षिप्त नोट्स : 

इस पोस्ट में Class-8 Geography Agricultural-Main Produce in Hindi के बारे में जानकारी लेंगे। यदि आप प्रतियोगी परीक्षा ऑन की तैयारी कर रहे हैं तो यह पोस्ट आपके लिए बहुत ज्यादा लाभप्रद साबित होगी।

इसके अंतर्गत हम कक्षा- 8 भूगोल ‘कृषि मुख्य उपजे’ के संक्षिप्त नोट्स देखेंगे।

Class-8 Geography Agricultural-Main Produces in Hindi - कक्षा- 8 भूगोल ‘कृषि मुख्य उपजे’ संक्षिप्त नोट्स
Class-8 Geography Agricultural-Main Produces in Hindi – कक्षा- 8 भूगोल ‘कृषि मुख्य उपजे’ संक्षिप्त नोट्स

 

कृषि- मुख्य उपजे 

कृषि हमारे देश का सबसे पुराना और महत्वपूर्ण व्यवसाय है। यह हमारे देश के आर्थिक विकास में बहुत महत्वपूर्ण है।

कृषि से तात्पर्य केवल खेती या फैसले उत्पन्न करना ही नहीं होता है। कृषि के अंतर्गत पशुपालन, मुर्गी शपालन, मधुमक्खी पालन, रेशमकीट पालन, झींगा पालन, बागवानी और मत्स्य पालन भी आता है।

पुराने समय से लेकर अब तक खेती करने का तरीका बहुत अंतर आया है। पहले गांव में खेत जोतने के लिए बैल का प्रयोग करते थे। अब ट्रैक्टर का प्रयोग करते आप देखते हैं। ट्रैक्टर कृषि का आधुनिक उपकरण है।

 

निर्वाह कृषि 

जो कृषि केवल स्थानीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए की जाती है उसे निर्वाह कृषि कहा जाता है।

व्यापारिक कृषि 

जिस कृषि का मुख्य उद्देश्य बाजार में फसल बेचना हो उसे व्यापारिक कृषि कहा जाता है। इस फसल विशिष्टीकरण भी कहते हैं।

हमारा भारत एक कृषि प्रधान देश है हमारे देश में लगभग 55 प्रतिशत लोग कृषि पर निर्भर है। देश की कुल राष्ट्रीय आय का लगभग 14 प्रतिशत कृषि से प्राप्त होता है।

विभिन्न प्रकार की जलवायु विविध मिशन के कारण देश में लगभग सभी प्रकार की फैसले उगाई जाती है।

देश में पैदा होने वाली फसलों को तीन वर्गों में रखा जाता है-

खाद्यान्न फसले

गेहूं, चावल, जौ, चना, मटर, दाले, ज्वार, बाजरा आदि।

नकदी फसले

गन्ना, कपास, जूट, तिलहन, तंबाकू आदि।

पेय एवं बागनी फसले

चाय, कहवा, रबर, गरम मसाले आदि।

कृषि फसलों के प्रकार

रबी की फसल

समय

उपजे 

जाड़े के प्रारंभ में बोना और ग्रीष्म ऋतु के प्रारंभ में काटना। गेहूं, चना, जौ, मटर, सरसों, अलसी एवं राई आदि।

 

खरीफ की फसले

समय

उपजे 

वर्षा ऋतु के प्रारंभ में बोना व शीत ऋतु के प्रारंभ में काटना। धान, मक्का, ज्वार, मूंग, जूट, मूंगफली आदि।

 

जायद की फसले

समय

उपजे 

मार्च, अप्रैल में बोना उपज तैयार हो जाने पर काटना। तरबूजे, खरबूजे, ककड़ी, सब्जियां आदि

 

खाद्यान्न फसले

चावल संबंधित जानकारी

कहां अधिक होता है

कैसी जलवायु चाहिए

पश्चिम बंगाल,

असम, बिहार, 

झारखंड, उड़ीसा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मेघालय,

केरल,त्रिपुरा,

मणिपुर,महाराष्ट्र,कर्नाटक, मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़, पंजाब

अधिक गर्मी,

 अधिक पानी और उपजाऊ चिकनी मिट्टी चाहिए

 

नोट– चावल भारत में पांच वर्षों से भी अधिक समय से उगाया जाता है। 

मानचित्र में चावल उत्पादक क्षेत्र दिए गए हैं

चावल उत्पादक क्षेत्र

गेहूं से संबंधित

कहां अधिक होता है

कैसी जलवायु चाहिए

पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान दोमट मिट्टी, सामान्य वर्षा, इसलिए सिंचाई की आवश्यकता होती है। 

पकते समय गर्मी चाहिए।

 

मानचित्र में गेहूं उत्पादक राज्य दिए गए हैं।

गेहूं उत्पादक क्षेत्र

दाल से संबंधित

कहां अधिक होता है

कैसी जलवायु चाहिए

उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बिहार व झारखंड ० प्रत्येक प्रकार की मिट्टी में अच्छी होती हैं।

० सामान्य वर्षा और कम मेहनत की आवश्यकता होती है।

० अन्य फसलों के लिए मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाते हैं।

 

गन्ना से संबंधित

कहां अधिक होता है

कैसी जलवायु चाहिए

उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तमिलनाडु, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान के कुछ भाग,कर्नाटक,महाराष्ट्र ० उपजाऊ मिट्टी और गर्म

० नम जलवायु

 

मानचित्र में भारत के गन्ना उत्पादक क्षेत्र दिए गए हैं। 

गन्ना उत्पादक क्षेत्र

चाय संबंधित जानकारी

कहां अधिक होता है

कैसी जलवायु चाहिए

असम, पश्चिम बंगाल,मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, तमिलनाडु, केरल के पहाड़ी ढाल ० अधिक वर्षा और गर्मी पहाड़ी ढाल जिस पर पानी रुके नहीं अन्यथा जड़े गल जाते हैं।

 

कहवा या काफी भी चाय की तरह एक पेय पदार्थ है। इसके मुख्य उत्पादक क्षेत्र को भारत के मानचित्र में दर्शाया गया है। 

चाय उत्पादक क्षेत्र

 

चाय की संक्षिप्त कहानी 

विश्व में चीन के लोगों ने सबसे पहले चाय पीनी शुरू की थी। शुरू शुरू में यह आदत केवल कुछ लोगों तक ही सीमित थी। प्रारंभ में इसे औषधिय पेय भी समझा जाता था।

उपनिवेशवादी अंग्रेजों ने वर्ष 1829 ई. में उत्तर पूर्व भारत के वनों में असम चाय की खोज कर ली थी। चाय की बड़े पैमाने पर खेती को चाय बागान या चाय बागानी कृषि कहते हैं।

 

कपास संबंधित जानकारी

कहां होती है

कैसी जलवायु चाहिए

महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, 

पंजाब, तमिलनाडु,

 उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा।

० काली मिट्टी

० गर्म हुआ नम जलवायु

० 100 सेमी वर्षा अथवा सिंचाई का उचित प्रबंध

 

जूट से संबंधित जानकारी

कहां होती है 

कैसी जलवायु चाहिए

असम, पश्चिम बंगाल, मेघालय, बिहार उत्तर, प्रदेश उड़ीसा।  ० उपजाऊ मिट्टी

० अधिक वर्षा

० गर्म हुआ नाम जलवायु

 

भारत के मुख्य कपास और जूट उत्पादक क्षेत्र को मानचित्र में दर्शाया गया है।

कपास व जूट उत्पादक क्षेत्र

राष्ट्रीय आय 

राष्ट्रीय आय किसी राष्ट्र में एक वर्ष के दौरान उत्पादित वस्तुओं व सेवाओं का सकल (कुल) मूल्य होती है। यह किसी भी देश के विकास के स्तर को बताती है।

नकदी फसल

दूसरों के उपयोग अर्थात विक्रय के लिए उत्पादित फसल जिससे नकद आय की प्राप्ति होती है। इसका उपयोग कृषक स्वयं नहीं करता।

 

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